कैसा तेरा प्यार है

 रोकुं तुझे अगर गलत करने से, तो रुखा सा तेरा व्यवहार है, 

मुझे समझ नही आता अब,बता ना ये कैसा तेरा प्यार है, 

हर वक्त तुझे समझने को , हर वक्त तुझे मनाने को, 

आँखो के पलको मे हरदम, तुझे बिठाने को, 

सारी दुनिया से तेरे लिए लड़ जाने को , 

मुझे लगता था तु बहुत समझदार है, 

मुझे बता ना ये कैसा तेरा प्यार है, 

जीवन के राह मे अलग चला था, 

मस्ती मे अपने हमेशा चलाचल था, 

दुनिया से बेखबर अपनी कसौटी का सरताज था, 

फिर तेरा आना हुआ, आवारगी का जैसे जाना हुआ, 

बातो मे तेरी घुल मिल जाता था, फोन ना आये तो जैसे घबराना था

मुस्कान तो तेरी जैसे हर महिनो का त्यौहार है, 

मुझे बता ना ये कैसा तेरा प्यार है, 

बात बढ़ी, अपनापन बढ़ता गया, 

सावन, सम्मर , शीत ऋतु गया 

सांसो से बाते, बातो से साँसे समझ गया, 

जिंदगी का खालीपन, भरता चला गया, 

मुझे प्यार हुआ ये तब पता चल गया, 

जब रातों की नींद से मै थक गया, 

समझ नही आता ये कैसा चमत्कार है, 

तु बता ना ये कैसा तेरा प्यार है, 

सुकुन गया कोई बात नही, अब वो तिथी त्यौहार नही

तेरे सिवा कोई नई चाह नही, बिन तेरे कोई अब नई बात नही

परवाने का तेरे ,ये सीमा अपरंपार है

भूल नही सकता मै तुझको, ये कैसा राधे सा बीमार है

तु ही बता ना अब कैसा तेरा ये प्यार है। 

फिर एक नई बात हुई, रोका गलत को ,तो तकरार हुई

दूसरे मे तेरा दिल आया, तुझे थोड़ा सा भी तरस ना आया

बार बार बताया था, सही नही है समझाया था

अंदर से इतना तोड़ दिया, मेरे प्यार के कदर को तूने छोङ दिया

पता नही ऐसा क्या दिखा जिसमे तेरा मन बिका

सच्चे प्यार मे ऐसा होता नही, ऐसा दिल किसी का होता नही

बहुत रोया गलत देख कर, तेरी समझदारी समझ देख कर

अब मुझे कोई प्यार नही, तुझसे अब कोई तकरार नही

तेरी आदत जान गया, अब तेरे लिए मै बेकरार नही

हाँ गलती हुई जो मैने ये कहा था, तेरे लिए इजहार है

तु बहुत फ़र्ज़ी है, तु बता ये कैसा तेरा प्यार है

जो रोका तुझे गलत करने को, तो रूखा सा तेरा व्यवहार है

तु बता, मुझे समझ नही आया, ये कैसा तेरा प्यार है।। 

आपका

DD






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